मैं चलती हूँ रुक कर - गिरकर .,.,.,.,.,.,.,.,
ओस की बूँदें चुनकर - चुनकर
मैं चलती हूँ रुक कर - गिरकर
ये जीवन है नदी की लहरें
बहती रहती कलकल - कलकल
औरत का दिल पीर की कुटिया
फेंको ना तुम कंकड़ - पत्थर
देते धोखा बनकर अपने
चलना उनसे बचकर - बचकर
उड़ने के हैं अपने खतरे
ज़मीं पे रहना डटकर - डटकर
जिन पन्नों में छुपे हैं आँसू
उनकी बातें मतकर - मतकर