kalyani@Kabir
'' मैंने तो सिर्फ पकड़ रक्खा है हाथ में कलम ,,,,, लिखती तो तू है '' ज़िन्दगी ''........// kk
Thursday, December 30, 2010
क्यूँ उनकी आँखों में खुद को ढूंढते हैं हम , अब तो आईने को भी मेरा चेहरा याद नहीं है .
Wednesday, December 8, 2010
baaten
जिनके हाथों में नोटों की खुशबू बसी होती है उनके घर दीमक नहीं लगा करते क्योंकि उनके घरों में किताबों के लिए जगह नहीं होती ।
वह सबसे बड़ा गरीब है जो हर बात के बीच पैसों कों लाता है I
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