हुई इस कदर रुसवा वो अपने सरज़मीं पर
कि लगाया गले मौत को भी किसी और वतन में ,,,
जी रही है आज भी वो हमारे अश्कों की चीख में
और लिपटा पडा है मादरे - हिंद अपने कफन में .../kk/
[ हमें माफ़ मत करना '' दामिनी '' ]
कि लगाया गले मौत को भी किसी और वतन में ,,,
जी रही है आज भी वो हमारे अश्कों की चीख में
और लिपटा पडा है मादरे - हिंद अपने कफन में .../kk/
[ हमें माफ़ मत करना '' दामिनी '' ]
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