Friday, September 13, 2013

हुई इस कदर रुसवा वो अपने सरज़मीं पर
कि लगाया गले मौत को भी किसी और वतन में ,,,
जी रही है आज भी वो हमारे अश्कों की चीख में
और लिपटा पडा है मादरे - हिंद अपने कफन में .../kk/
[ हमें माफ़ मत करना '' दामिनी '' ]

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